जयललिता के निधन के बाद अभी तक शांत तमिलनाडु की राजनीति में अंदर ही अंदर भूचाल आने की तैयारी चल रही है। जयललिता के सबसे भरोसेमंद पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया औऱ चिनम्मा के नाम से मशहूर शशिकला की ताजपोशी की तैयारी हो गई। चेन्नई के ही एक शख्स ने शपथ ग्रहण रोकने के लिए अदालत में अर्जी लगाई तो दूसरी तरफ जयललिता की भतीजी ने शशिकला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जयललिता की सहयोगी रही शशिकला नटराजन को सीएम बनाए जाने के पार्टी के फैसले पर दरअसल पार्टी दो भागों में बंटती नजर आ रही है । मंगलवार को दीपा जयकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि 33 साल तक किसी के साथ रहना सीएम पद की योग्यता नहीं होती।इतना ही नहीं दीपा ने कहा कि अम्मा की मौत प्राकृतिक नहीं थी। जयललिता की मौत के बाद शशिकला ने दीपा जयकुमार को उनके अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया से दूर रखा था।
दीपा ने कहा कि शशिकला को सीएम बनाने का फैसला काफी दुखद है, लोगों ने शशिकला के लिए वोट नहीं दिया था । प्रेस से बात करते हुए कहा कि हो सकता है कि पार्टी के लोग शशिकला से डरते हैं लेकिन उन्हें डर नहीं लगता। दीपा ने कहा, ‘तमिलनाडु में अफरा-तफरी का माहौल है, लोग काफी ज्यादा चिंतित हैं। हम इस मामले को आसानी से नहीं छोड़ेंगे, राज्य की जनता से पूछेंगे कि क्या होना चाहिए और उनका मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए।