चुनावी राजनीति के दौरान नेताओं के कुछ बयान ऐेेसे आते हैं जिन्हें सुनकर यह आसानी से समझा जा सकता है कि यह बयान सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है इससे ज्यादा कुछ और नहीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऐसे बयान के लिए माहिर माने जाते हैं। हर चुनाव में जनता से अपील करते हैं कि पैसे किसी भी पार्टी से लो वोट हमें ही देना। हर बार चुनाव आयोग उनको नोटिस भी थमाता है।
इस बार अरविंद केजरीवाल की शिकायत पर ऐसे ही बयान के लिए रक्षा मंत्री औऱ गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को नोटिस थमाया गया है। निर्वाचन आयोग की ओर से रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीन फरवरी को एक बजे तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। इसके ठीक एक दिन बाद चार फरवरी को राज्य में मतदान है।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पर्रिकर ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों से रुपये लेने के प्रोत्साहित किया था। पर्रिकर ने रविवार को पणजी के पास चिंबेल झुग्गी बस्ती में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “..मैं समझता हूं कि यदि कोई जुलूस आयोजित करता है और उम्मीदवार के पीछे-पीछे घूमने के लिए आप 500 रुपये लेते हैं, तो इसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन वोट देते समय आप कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) को ही चुनें।”
आयोग के सचिव सुमित मुखर्जी ने नोटिस में कहा है, “प्रथम दृष्ट्या आयोग की राय में इस तरह का बयान देकर आपने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।”आयोग ने पिछले सप्ताह मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया था कि पिछले महीने इसी तरह का भाषण देने के लिए केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। केजरीवाल ने भाषण के दौरान मतदाताओं से कहा था कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से रुपये ले लें, लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही दें।