नोटबंदी लागू होने के बाद से अब तक 4,200 करोड़ का कालाधन पकड़ा जा चुका है। 30 दिसंबर यानी शुक्रवार को बैंकों में पुराने नोट जमा करने की मियाद खत्म हो जाएगी। नोटबंदी की घोषणा के बाद और प्रधानमंत्री मोदी के कालाधन के खिलाफ आह्वान के बाद आईटी डिपार्टमेंट ने काला धन सफेद करने वालों और गैरकानूनी तरीके से पैसे रखने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कालाधन के खिलाफ छेड़ी गई जंग का यह नतीजा है कि अब तक चार हजार करोड़ से ज्यादा का कालधन सामने आ चुका है।
नोटबंदी लागू होने के बाद से अब तक देश भर में लगभग 1,000 से ज्यादा सर्वे, सर्च और जब्ती ऑपरेशन हो चुके हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक दिसंबर 22 से 28 दिसंबर के बीच में ऐसे 200 छापे मारे गए हैं। इन छापों में भारी मात्रा में कैश, गोल्ड और दूसरी बेशकीमती चीजें जब्त कीं। इस छापों में 458 रुपये कैश के रूप में जब्त हुए हैं जिनमें से 105 करोड़ रुपये 500 और 2,000 के नए नोटों में मिले हैं। नए नोटों का इतनी भारी मात्रा में बरामद होना यह बताता है कि लोग काला-सफेद करने में कोई कोताही नहीं कर रहे थे।
जानकारों का कहना है कि कैश तो ब्लैकमनी का एक छोटा सा हिस्सा भर है। सोना, लग्जरी गाड़ियों, प्रॉपर्टी और दूसरी बेनामी संपत्तियों के रूप में काफी मात्रा में काला धन छिपा हुआ है जिसके बारे में पता लगाया जा रहा है। आयकर विभाग इस काम में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई की भी पूरी मदद ले रहा है।
प्रधानमंत्री के देश के नाम संबोधन के बाद से ही सरकारी एजेंसिया सक्रिय हो गई थीं। अब तक ऐसे 500 मामले ED और CBI को भेजे जा चुके हैं, बैंकों की 547 शाखाओं पर आयकर विभाग की नजर है। ईडी ने 10 बैंकों की 50 शाखाओं की पड़ताल की है। इन एजेंसियों का नजर उन खातों पर है जहां नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकों में होनेवाले ट्रांजैक्शन अचानक से असामान्य तौर पर बढ़ गए।