8 नवंबर के बाद से कालामन वालों ने अपने कालेधन को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन सरकार भी उऩके साथ जैसे को तैसा जैसा व्यवहार करने पर आमादा है। आयकर विभाग की मानें तो दिल्ली और एनसीआर नोटबंदी के दिनों में एक बड़े मनी लांड्रिंग का अड्डा बन कर उभरा है। बुलियन ट्रेडर्स से लेकर हवाला कारोबारी तक, सीए से लेकर वकील तक और व्यापारी से लेकर बैंक अधिकारी तक लगभग सभी तबकों का बड़ा हिस्सा इस काला-सफेद के कारोबार में लिप्त पाया गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार और शनिवार को सोने-चांदी के कारोबारियों के यहां फिर से तलाशी ली। इस तलाशी अभियान में 250 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की बिक्री का पता चला है। इससे पहले, नोटबंदी के तीन अलग-अलग मामलों में आई-टी डिपार्टमेंट, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजंस (डीआरआई) ने दिल्ली में 400 करोड़ रुपये मूल्य के सोने-चांदी की बिक्री का पता लगाया था।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अभी तक तो यही पता चला है कि इन चार बुलियन ट्रेडरों ने सोने की छड़ें बेचकर विभिन्न बैंक अकाउंट्स में 250 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा किए । चारों व्यापारियों की दुकानें पुरानी दिल्ली के कूचा महाजनी और कुछ करोल बाग इलाके में हैं। इन व्यापारियों के साथ-साथ कुछ छद्म कंपनियों के भी बैंक खातों की छानबीन कर रहे हैं जिनसे व्यापारियों को पैसे दिए गए थे। अधिकारियों ने बताया, ‘ये कुछ नए मामले सामने आए हैं। इनके काम-काज का तरीका भी वैसा ही है जैसा कि नोटबंदी के ठीक बाद की छापेमारी में पता चला था।