नई दिल्ली। रेल का किराया भी अगले साल से महंगाई के अनुसार बढ़ता रहेगा। अगर केंद्र सरकार ऐसा करने में कामयाब रही तो साल में दो बार रेल का किराया अनिवार्य तौर पर बढ़ेगा।
हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार रेल किराये को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) से लिंक करने पर विचार कर रही है। अग्रिम टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को सफर के दौरान बढ़े हुए किराये को देना होगा। इसकी घोषणा फरवरी में पेश होने वाले आम बजट में की जा सकती है।
गौरतलब हो कि रेल की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सितंबर में ही राजधानी-शताब्दी ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर शुरू किया गया था। हालांकि इससे ट्रेन किराया इतना बढ़ गया कि लोगों ने हवाई यात्रा की ओर रुख कर लिया। अब सरकार फिर से इस फ्लेक्सी फेयर में कमी लाने पर विचार कर रही है।
गौरतलब हो कि यात्री किराये से होने वाली आमदनी में पिछले साल 33,490.50 करोड़ का नुकसान हुआ था। इसी को देखते हुए रेल मंत्रालय किराया तय करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक फार्मूला लाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि यह विचार दिसंबर माह में हुए रेल चिंतन शिविर में रेलवे के अफसरों ने दिया है।
अखबार के मुताबिक सरकार मालभाड़े को भी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) से जोड़ने पर विचार कर रही है। इसके तहत डब्ल्यूपीआई के दर के मुताबिक मालभाड़े को बढ़ाया जाएगा।