नई दिल्ली, 24 नवंबर। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान संगठित और वैध लूट बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद कतार में खड़े 60 से 65 लोगों की मौत हो गयी। इससे साफ़ है कि इसे लागू करने में बड़े स्तर पर कुप्रबंधन हुआ है। उन्होंने कहा नोटबंदी के फैसले से आम लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस फैसले का अंतिम परिणाम क्या आएगा। उन्होंने आशंका जतायी कि इस फैसले से देश की जीडीपी दो परसेंट तक गिर सकती सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50 दिन इंतजार करने की बात कह रहे हैं, लेकिन गरीब वर्ग के लिए यह घातक हो सकता है।
डॉ मनमोहन सिंह के संसद में दिये गए इस भाषण पर सोशल मीडिया पर कई बुद्धिजीवियों ने गहरी निराशा जताई है। वरिष्ठ पत्रकार मनोज मलयानिल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है– “अगर विमुद्रीकरण संगठित लूट है डॉ साहब, तो आपकी नजरों के सामने जो कोयला घोटाला, टूजी घोटाला, देवास एंट्रिक्स घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला हुआ, उसे किस किस्म की लूट की श्रेणी में रखा जाएगा? आपसे उम्मीद थी कि आप ये बताएंगे कि किस तरह विमुद्रीकरण देश को बर्बाद कर देगा, लेकिन आप देश को ये समझा ना सके। डॉ मनमोहन सिंह जी, आपकी राय का लंबे समय से इंतजार कर रहा था, पर आपने निराश किया।”
वहीं वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार ने लिखा है- “अच्छा लगा यह जानकर कि मौनमोहन सिंह कहे जाने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा में पिछले ढाई साल के दौरान दूसरी बार बोले। उन्होंने बताया कि नोटबंदी से देश की जीडीपी को दो फीसदी का नुकसान हो जाएगा। वे बड़े अर्थशास्त्री हैं। कुछ कह रहे हैं तो सही ही कह रहे होंगे। लेकिन लगे हाथ यह फॉर्मूला भी तो बता देते कि कैसे हज़ारों-लाखों करोड़ के घोटाले चलते रहते हैं और देश की जीडीपी बढ़ती रहती है। जीडीपी बढ़ाने का यह घोटालों वाला फॉर्मूला उनसे जानने के लिए पूरा देश उत्सुक है।”