नोटबंदी के फैसले के बाद अब तक बैंको में 5 लाख करोड़ से ज्यादा की रकम जमा कराई जा चुकी है। सरकार ने समय समय पर परेशानियों के मद्देनजर छूट भी दी है और कालाधन के सौदागरों पर नकेल कसने की कोशिश भी की है। पहले सरकार ने अघोषित आय से ज्यादा रकम पाए जाने पर 200 फीसदी टैक्स की बात की थी। इनकम टैक्स के कानून के तहत यह मुश्किल काम था क्योंकि ऐसा कोई कानून नहीं था जिसके तहत इतना भारी जुर्माना लिया जा सके।
200 फीसदी जुर्माने की खबर के बाद कई जगह से नोटों को जलाने और नदी में बहाने या फिर कूड़े के ढेर में फेंकने की बात सामने आई थी। सरकार चाहती है कि लोग ऐसा न करें और जो भी कालाधन बाजार में उपलब्ध है उसे व्यवस्था में इस्तेमाल में लाया जाए।
अब 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 50 दिन के दौरान अपने खाते में जमा अघोषित आय पर 50 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके अलावा चार साल तक इस रकम का 25 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अगर कोई खुद इस अघोषित आय के बारे में नहीं बताता है तो 90 फीसदी टैक्स के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में बड़े बदलाव किए जाएंगे। गुरुवार रात प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई। इसमें IT कानून में होने वाले बदलावों को मंजूरी दी गई।
सरकार बड़े बेहिसाबी डिपॉजिट का 25% हिस्सा चार साल के लिए फ्रीज कर देगी। इस लॉक इन पीरियड के लिए सरकार संबंधित शख्स को एक बॉन्ड जारी करेगी। सरकार चाहती है कि इस तरह से जो रकम उसे मिलेगी, उससे रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए एक फंड बनाया जाए।