केंद्र में बीजेपी सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना लगातार हमलावर रवैये पर कायम है। नरेंद्र मोदी के लखनऊ में दशहरा मनाए जाने को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक झन्नाटेदार संपादकीय लिखा है। शिवसेना ने लिखा है, ‘लखनऊ जाकर नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर बनाने की घोषणा करनी चाहिए। पीएम का अगला लक्ष्य पीओके और बलूचिस्तान की आजादी है, इसलिए अगर मोदी बलूचिस्तान में दीवाली मनाएं तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।’
सामना के इस एडिटोरियल में शिवसेना ने लिखा है, ‘अपोजिशन का का मानना है कि अगर मोदी यूपी की यात्रा करते हैं तो वहां एक पॉलिटिकल माहौल पैदा होगा।’ ‘लेकिन शिवसेना चाहती है कि मोदी लखनऊ जाएं, मगर किसी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं। मोदी वहां जाकर अयोध्या में राम मंदिर बनाने की घोषणा करें।’
लेख में लिखा है कि बिहार चुनाव के दौरान बीजेपी ने मोदी की छवि का दांव पर लगा दिया था, लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। अगर इस तथ्य पर विचार किया जाए तो यह मानने का कोई कारण नहीं है कि मोदी के लखनऊ में रावण दहन प्रोग्राम में हिस्सा लेने से बीजेपी को कोई राजनीतिक फायदा होगा। यूपी में कांग्रेस की हालत पहले से बेहद खराब है। मायावती की बसपा का कोई भविष्य नहीं है, जबकि सपा पारिवारिक झगड़े में व्यस्त है। ऐसे में अगर बीजेपी कुछ सीटें जीत भी लेती है तो उसे असली जीत नहीं कहा जा सकता है।
नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को ऐशबाग की रामलीला देखने लखनऊ आएंगे। वे यहां शाम 6 बजे से 7 बजे तक रुकेंगे। इसके बाद दिल्ली रवाना हो जाएंगे। गौरतलब है कि परंपरा को तोड़ते हुए मोदी लखनऊ की रामलीला में हिस्सा लेंगे। आमतौर पर प्रधानमंत्री दिल्ली में ही दशहरा मनाते हैं।