लखनऊ। 11 अक्टूबर। विजयादशमी के मौकै पर ऐशबाग स्थित रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कहा कि आतंकवाद को पनाह देने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद के खिलाफ विश्व की मानवतावादी ताकतों को एकजुट होना होगा और आतंकवाद के खात्मे के लिए आतंकवाद के पनाहगाहों को नष्ट करना होगा।”
पाकिस्तान का नाम लिए बगैर मोदी ने कहा कि “जो लोग आज आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है। आतंकवाद को खत्म किए बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं है।”
आतंकवाद के मसले पर दुनिया में गंभीरता की कमी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एक बार जब मैं अमेरिका के एक बड़े अधिकारी से बात कर रहा था, तो उन्होंने कहा कि ये आपके लॉ एंड ऑर्डर की समस्या है, लेकिन 9/11 के बाद पूरी दुनिया ने आतंकवाद को समस्या माना। आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है।”
आम लोग भी लड़ें आतंकवाद से!
आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में आम आदमी के सहयोग की ज़रूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पहली लड़ाई जटायु ने लड़ी थी, जो एक स्त्री की रक्षा के लिए रावण से भी लड़ पड़े थे। इसी तरह, अगर देश के 125 करोड़ लोग आतंकवाद की हर छोटी से छोटी गतिविधि पर नजर रखने लगें, तो आतंकवाद से लड़ाई आसान हो जाएगी।
मोदी ने कहा कि “रामायण गवाह है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का काम सबसे पहले जटायु ने किया। एक स्त्री का अपहरण करके ले जा रहे सामर्थ्यवान रावण से लड़ना आतंकवाद से लड़ने जैसा ही था। हम अगर राम नहीं बन सकते, तो कम से जटायु बनकर आतंकवाद पर नज़र तो रख सकते हैं।”
गंदगी भी रावण है!
लोगों को स्वच्छता की अहमियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “गंदगी भी रावण का एक छोटा सा रूप है। ये हमारे छोटे-छोटे गरीब बच्चों की जान ले रही है। हमें मिलकर इस गंदगी रूपी रावण को खत्म करना होगा।”
दस बुराइयों को ख़त्म करने का संकल्प लें
इस मौके पर पीएम ने कहा कि हमें अपने भीतर की 10 बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक, रावण के दस सिर दस बुराइयों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि “हम रावण को तो हर वर्ष जलाते हैं। रावण को जलाते समय एक संकल्प होना चाहिए कि हम भी अपने भीतर जो भी बुराइयां हैं, इन्हें ऐसे ही खत्म करेंगे। हर साल इस संकल्प को और मजबूत बनाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “आज का रावण शायद पहले जैसा ना हो, राम-रावण की लड़ाई पहले जैसी ना हो, लेकिन हमारे भीतर एक द्वंद्व चलता है। दशहरा का मतलब होता है कि हम अपने भीतर की दस बुराइयों को खत्म करें। ईश्वर ने हर किसी को बुराई खत्म करने की सामर्थ्य दी है। अपने भीतर की बुराइयों को खत्म करके राष्ट्र को श्रेष्ठ बनाना है।”
कन्या भ्रूण हत्या कैसे बर्दाश्त करते हैं हम?
वर्ल्ड गर्ल चाइल्ड डे का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “एक सीता माता पर अत्याचार हुआ, तो हम हर साल रावण जलाते हैं, लेकिन हर साल गर्भ में ना जाने कितनी सीताओं को मार दिया जाता है। इसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? बेटा पैदा होने पर जितनी खुशी मनाते हैं, बेटी पैदा होने पर उससे कई गुना खुशी मनानी चाहिए।”
जय श्रीराम के उद्घोष से गूंजा माहौल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए भी ‘जय श्री राम’ का उद्घोष किया और अंत में भी लोगों से ‘जय श्री राम’ का जयघोष करवाया।
पीएम मोदी ने देश का सिर ऊंचा किया- राजनाथ
प्रधानमंत्री मोदी से पहले बोलते हुए देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का सिर ऊंचा किया। लखनऊ मेरा संसदीय क्षेत्र है, इसलिए मैं उनका स्वागत करता हूं।”
सीएम अखिलेश यादव ने की पीएम की अगवानी
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लखनऊ पहुंचे, तो वहां अमौसी हवाई अड्डे पर राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी आगवानी की।