चेन्नई। 4 अक्टूबर। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की सेहत को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है। 22 सितंबर को ही उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया गया था कि बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है, लेकिन करीब दो हफ्ते होने चले, उनकी सेहत के बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम। जब राज्य में खुसफुसाहट बढ़ गई, तब भी सरकार और जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके की तरफ से कुछ नहीं कहा गया।
आख़िरकार अब मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह कल तक मुख्यमंत्री की सेहत के बारे में अपडेट जारी करें। हाई कोर्ट ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जारी किया है। उसने सरकारी वकील से कहा है कि कल वे कोर्ट में मुख्यमंत्री का हेल्थ अपडेट पेश करें।
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार और सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के अधिकारियों में हलचलें तेज़ हो गई हैं। पार्टी के प्रवक्ता सीआर सरस्वती ने कहा कि ‘अपोलो अस्पताल प्रशासन के अनुसार, मुख्यमंत्री का उपचार चल रहा है और वे बीमारी से उबर रही हैं। उन्हें आराम की जरूरत है और जल्द ही वे अस्पताल से लौटेंगी।’
इससे पहले पिछले सप्ताह पार्टी की तरफ़ से इस बात की पुष्टि की गई थी कि जयललिता की रिकवरी पर नजर रखने के लिए ब्रिटेन से एक एक्सपर्ट को बुलाया गया है। जयललिता की सेहत को लेकर तमाम तरह की अटकलों के बीच विपक्ष द्वारा यह सवाल भी ज़ोर-शोर से उछाला जा रहा है कि मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी में इस वक्त सरकार कौन चला रहा है।
इस बारे में एआईएडीएमके का कहना है कि छह अधिकारियों और सहायकों की टीम फिलहाल सरकार का काम देख रही है। इस टीम में चार निजी सचिव, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री की कार्यालय सलाहकार शीला बालकृष्णन शामिल हैं। यह टीम सभी 54 सरकारी विभागों के कामकाज पर निगाह जमाए है।
लेकिन विपक्ष इन जानकारियों से संतुष्ट नहीं है। डीएमके प्रमुख करुणानिधि समेत कई विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि अगर मुख्यमंत्री की हालत गंभीर नहीं है, तो सरकार उनकी तस्वीर जारी करे, हालांकि एआईएडीएमके ने इस मांग को खारिज कर दिया।
अब हाई कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार को मुख्यमंत्री की सेहत के बारे में कल तक रिपोर्ट देना बाध्यता हो गई है। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि कल तक जयललिता की सेहत से जुड़ा सस्पेंस साफ़ हो जाना चाहिए।