पुराने बड़े नोट को बैंक में जमा करने की मियाद जैसे जैसे खत्म हो रही है सरकार नए नए फरमान जारी कर रही है। रिजर्व बैंक के मुताबिक, 5,000 रुपये से ज्यादा की रकम के पुराने नोट जमा करने वालों से कम-से-कम दो बैंक अधिकारियों के सामने ऑन रिकॉर्ड जवाब मांगा जाएगा कि आखिर उन्होंने अब तक अपने पैसे क्यों नहीं जमा करवाए और संतोषजनक जवाब मिलने के बाद ही पैसे जमा हो पाएंगे।
आठ नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद और १० नवंबर से बैंकों के बाहर लंबी लंबी कतारें लगने के बाद से लगातार सरकार पर यह दबाव है कि कितनी जल्दी इस समस्या से लोगों को निजात दिलाई जाए। लंबी कतारों को कम करने के लिए सरकार कई बार यह अपील करती देखी गई कि चूंकि पैसे जमा कराने की मियाद 30 दिसंबर तक है, इसलिए लोगों को हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए। सोमवार से पहले सरकार कई बार कह चुकी है कि लोगों को बैंक शाखाओं में भीड़ बढ़ाने और लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास पैसे जमा कराने के लिए पर्याप्त समय है। और अब यह नया आदेश आम जनता पर थोपा गया है।
आरबीआई ने कहा, ‘जमाकर्ता का जवाब ऑन रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए ताकि बाद में ऑडिट ट्रायल हो सके। इसके अलावा, इसे लेकर सीबीएस (कोर बैंकिंग सलूशन) में भी उपयुक्त पड़ताल होनी चाहिए ताकि उचित मात्रा से ज्यादा पैसों को अनुमति नहीं मिले।’
इधर, वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘बैंकों को सलाह दी गई है कि वो पुराने नोट सोमवार से पहले नहीं जमा करा पाने की वजहों को लेकर उचित प्रक्रिया का पालन जरूर करें।’ केंद्रीय बैंक ने कहा कि 5,000 रुपये से ज्यादा की रकम सिर्फ नो योर कस्टमर (केवाइसी) युक्त अकाउंट्स में ही जमा होंगे और जिन अकाउंट्स के लिए केवाइसी उपलब्ध नहीं हैं, उनमें 50,000 रुपये तक ही जमा कर पाने की पाबंदी लगाई जा सकती है।
दरअसल नोटबंदी लागू होने के तुरंत बाद रिजर्व बैंक ने यह आंकड़ा जारी किया था कि देश में 14.50 लाख करोड़ के बड़े नोट चलन में हैं। एक महीने के अंदर ही 13 लाख करोड़ बैंकों में जमा हो गए इससे आरबीआई की मुश्किलें बढ़ीं कि अगर खातों में जमा होने वाली रकम प्रचलन के रकम से ज्यादा हो गई तो सारे आर्थिक समीकरण गड़बड़ा जाएंगे। पहले खबर आई कि बैंको में असीमित पैसा जमा करने की मियाद तीस दिसंबर से घटाकर पंद्रह दिसंबर की जाएगी चूंकि प्रधानमंत्री नोटबंदी के दिन से लगातार अपने चुनावी भाषणों में पचास दिन का जाप कर चुके थे इसलिए आरबीआई ने एक नया तरीका निकाला कि अगर लोगों पर सख्ती की जाएगी तो लोग उसे कालाधन स्कीम की तहत घोषित करेंगे । इस नए नियम का परिणाम कैसा होगा वो अगले एक दो दिनों में पता चल जाएगा।