संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे का ज़ोर रहा। हालांकि लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे और उनकी मौजूदगी में ही डिसेबिलिटी बिल 2016 पास कर दिया गया। इसके बाद लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। उधर राज्यसभा को भी भारी हंगामे के चलते अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना पड़ा।
दरअसल पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान नोटबंदी के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा बरपाया, लेकिन इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी। विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा था। वह भी नहीं हो सका।
इससे पहले गुरुवार को हंगामे के चलते बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी नाराज़ हो गए थे। वह इस बात से दुखी थे कि पूरा सत्र बेकार चला गया और इसमें नोटबंदी समेत किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई। आडवाणी इतने दुखी हुए कि बकौल तृणमूल सांसद इदरीस अली उन्होंने यहां तक कह दिया कि मन करता है संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दूं। इससे पहले भी आडवाणी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर चुके थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी आवाज़ नक्कारखाने में तूती की आवाज़ बनकर रह गई। किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की और पूरा का पूरा शीतकालीन सत्र बिना किसी ठोस कामकाज और चर्चा के हंगामे की भेंट चढ़ गया।