विमुद्रीकरण पर राजनीति चरम पर है। प्रधानमंत्री विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें सदन में नहीं बोलने दिया जा रहा। राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें भी सदन में नहीं बोलने दिया जा रहा है। नतीजा यह कि संसद का करीब-करीब पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ चुका है और संसद के बाहर सभी बोल रहे हैं। इन सबके बीच जनता आज भी कतार में खड़ी है। आख़िर विमुद्रीकरण पर कितनी राजनीति होगी? किसी को जनता की परवाह है भी कि नहीं? क्या काला धन और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक और मुहिम फेल हो जाएगी? इन तमाम मुद्दों पर पेश है आज का ‘अनुरंजन बनाम अभिरंजन।’