जब से ट्रंप ने अमेरिका की कमान संभाली है लगातार आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्ती दिखा रहे हैं। ट्रंप अपने बयानों में लगाातर इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दे रहे हैं। इधर आतंकवाद के खिलाफ नरेंद्र मोदी भी लगातार हमले करते रहे हैं। भारत को पहली बार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सफलता मिलती दिख रही है। इसके सरगना पर ट्रंप के दबाव में पाकिस्तान ने कई पाबंदियां लगाई हैं। अब अमेरिका में ट्रंप के नेतृत्व में नए प्रशासन ने मसूद अजहर को बैन करने के लिए यूएन का रुख किया है।
भारत लंबे समय से पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को बैन करने की मांग कर रहा है।उधर चीन अजहर के जरिए भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के पक्ष में है क्यूंकि इसमें वो भारत को उलझाए रखना चाहता है। चीन खुद आतंकवादी राष्ट्र भी बनना नहीं चाहता इसलिए पाकिस्तान को सपोर्ट भी करता रहता है। पिछले दिनों चीन ने यूएन में मसूद अजहर को बैन करने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाने के बाद दिसंबर में स्थाई रोक लगा दी थी। इसके बाद यह मामला तबतक के लिए ठंडे बस्ते में चला गया था जबतक संयुक्त राष्ट्र में 15 देशों के सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य फिर से प्रस्ताव नहीं लाता।