डोनाल्ड ट्रम्प ने ताइवान की राष्ट्रपति त्से इंग-वेन से फोन पर बात क्या कर ली, चीन भड़क गया है। इस वार्ता को ‘ताइवान का छल भरा कदम’ बताते हुए चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि इस फोन कॉल के बाद चीन और अमेरिका के संबंध खराब नहीं होंगे।’।
हांगकांग के टीवी चैनल ‘फिनिक्स चैनल’ के अनुसार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इससे एक-चीन नीति में कोई परिवर्तन आएगा, जिसपर अमेरिकी सरकार सालों से चल रही है।’ ट्रम्प और त्से की बातचीत के बाद चीनी विदेश मंत्री ने कहा, ‘एक-चीन नीति, चीन-अमेरिका संबंधों में स्वस्थ विकास की आधारशिला है और हम आशा करते हैं कि इस राजनीतिक नींव के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।’
ट्रंप द्वारा ताइवान की राष्ट्रपति से की गई बातचीत दशकों पुरानी अमेरिकी कूटनीति को देखते हुए बिल्कुल नया है। ट्रंप के इस कदम को जहां एक ओर अमेरिकी विदेश नीति में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, तो वहीं इस नए घटनाक्रम से चीन के नाराज होने की संभावना भी काफी पुख्ता है। चीन फिलहाल ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से उनके साथ बेहतर संबंध बनाना चाहता है। दुनिया के ज्यादातर देशों की तरह अमेरिका भी 1979 से चीनी गणराज्य को औपचारिक रूप से कूटनीतिक मान्यता देकर तथा-कथित ‘एक-चीन’ नीति का पालन कर रहा है।
आपको बता दें कि प्रेजिडेंशल ट्रांजिशन टीम ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया था। जिसमें कहा गया, ‘अमेरिका के भावी राष्ट्रपति ट्रंप ने ताइवान की राष्ट्रपति तसाई इंग-वेन से बातचीत की। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में जीत पर बधाई देते हुए अमेरिका और ताइवान के बीच करीबी आर्थिक, राजनैतिक और सुरक्षा संबंधों के बारे में भी बात की।’ शुक्रवार को ट्रंप ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत कई एशियन देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की।