मुंबई: भारत सरकार द्वारा विगत ८ नवंबर की मध्य रात्रि से की गई नोटबंदी के बाद पूरे देश में आम जनता को हो रही परेशानियों से निपटने के लिए जहां भारत सरकार ने अनेक कदम उठाये है, वहीँ महाराष्ट्र के देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने कुछ ऐसे क्रांतिकारी कदम उठाये हैं जिससे आम जनता काफी रहत महसूस कर रही हैं महाराष्ट्र सरकार के इन कदमों को पुरे देश के अन्य राज्यों लिए अनुकरणीय माना जा रहा है। ध्यान रहे, नोटबंदी के बाद से आम जनता को इलाज के लिए अस्पताल, दैनंदिन जीवन-उपयोगी वस्तुओं की खरीदारी, परिवहन तथा पुराने नोटों को बदलने आदि के लिए विशेष व्यवस्थाएं कर आम लोगों को काफी सहूलियत प्रदान की है।
कुछ अस्पतालों मे नोटबंदी के बाद पैसों के अभाव मे इलाज के लिए भुगतान संबंधी दिक्कतों को देखते हुए मुख्यमंत्री फड़नवीस ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे मरीजों से चेक स्वीकार करें। चेक अगर किसी कारणवश बाउंस कर जाते हैं तो दस हजार तक का भुगतान मुख्यमंत्री राहतकोष से अस्पतालों को किया जायेगा। मुख्यमंत्री के इस निर्णय का आम लोगों ने व्यापक स्वागत किया है। मालूम हो कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने मुंबई में अपने निवास पर अधिकारियो की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, जिसमें राज्य के अलग-अलग विभागों के सचिव और रिज़र्व बैंक के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
आइए डालते हैं एक नज़र, महाराष्ट्र की जनता की सुविधा के लिए फड़नवीस सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों पर-
1. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम को निर्देश दिया कि 24 नवंबर तक उसकी बसों में किसानों की 50 किलो तक सब्जियों की मुफ्त ढुलाई की जाए, ताकि किसानों और ग्राहकों दोनों को सहूलियतें हों।
2. राज्य की सभी सड़कें 18 नवंबर की आधी रात तक टोल टैक्स से मुक्त रहेंगी। इस दिन तक बॉर्डर चेक पोस्टों पर सर्विस चार्ज भी नहीं वसूले जाएंगे। जुर्माने और बकायों के भुगतान के लिए 500 और 1000 के पुराने नोट स्वीकार किये जाएंगे।
3. छात्रों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री फड़नवीस ने शिक्षा विभाग से सभी विश्वविद्यालयों को यह निर्देश जारी करने को कहा है कि वे परीक्षा फीस, ट्यूशन फीस इत्यादि डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर की बजाय चेक से स्वीकार करें। ऐसे ही निर्देश पॉलीटेक्नीक कॉलेजों को भी जारी किए गए हैं।
4. मुख्यमंत्री ने बैंकों से भी कहा है कि वे शहरों और राज्य के दूरदराज़ के इलाकों में मोबाइल वैन चलाएं, ताकि ज़रूरतमंद लोगों के पुराने नोट्स तय सीमा तक बदले जा सकें।
प्राइवेट अस्पतालों में मरीज़ों की परेशानियों को देखते हुए भी देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। मसलन,
1. कड़ा निर्देश जारी कर सभी प्राइवेट अस्पतालों से कहा गया है कि इमरजेंसी उपचार के लिए वे मरीज़ों और उनके रिश्तेदारों से चेक भी स्वीकार करें।
2. इस निर्देश को प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी स्थिति पर लगातार नज़रें बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी ज़रूरतमंद व्यक्ति को कोई परेशानी न हो।
3. अगर किसी व्यक्ति को अस्पतालों में किसी भी किस्म की असुविधा या असहयोग का सामना करना पड़ता है, तो वे हेल्पलाइन नंबरों 104 और 108 पर फोन कर सकते हैं। उनकी तत्काल सहायता की जाएगी।
4. मरीज़ों और उनके रिश्तेदारों से अनुरोध है कि वे अस्पताल के उस संबंधित व्यक्ति का फोन नंबर या मोबाइल नंबर ज़रूर नोट कर लें, जिसे चेक स्वीकार करने के लिए कहा जा सके।
5. मुख्यमंत्री ने यह फैसला भी लिया है कि अस्पतालों को भुगतान किए हुए चेक के बाउंस कर जाने की स्थिति में मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रति मरीज़ 10 हज़ार रुपये तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
जनता को सहूलियतें देने वाले इन महत्वपूर्ण फैसलों के अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने भारत सरकार से यह अनुरोध किया था कि बिजली बिल, पानी बिल, प्रॉपर्टी टैक्स या किसी भी प्रकार के सरकारी बकाये के भुगतान के लिए 500 और 1000 के नोट 24 नवंबर की आधी रात तक कबूल किए जाएं, जिसे मान लिया गया है।
इतना ही नहीं, महाराष्ट्र सरकार के वित्त विभाग ने 12 नवंबर 2016 को एक नोटिफिकेशन जारी कर MVAT नियम 2005 के नियम 45A में संशोधन किया है, ताकि डीलर अपने बकाये (टैक्स, ब्याज और जुर्माना) का भुगतान 500 और 1000 के बड़े नोटों में भी कर सकें। यह सुविधा तब तक लागू रहेगी, जब तक कि इस बाबत केंद्र सरकार की अधिसूचना लागू रहेगी। इस बारे में 022-23760659 पर फोन करके या epayment@mahavat.gov.in पर ई-मेल करके अधिक जानकारी ली जा सकती है।