कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मशहूर गंगासागर मेले में उस वक्त भगदड़ मच गई जब लोग मेले से वापस लौटने के लिए बोट में चढ़ने लगे। जानकारी के मुताबिक हादसा 24 परगना स्थित कुचुबेरिया के पास हुआ। इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को फौरन पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्य सरकार ने भगदड़ से इंकार करते हुए इसे नैचुरन डेथ करार दिया है।
भगदड़ नहीं नैचुरल डेथ
सुंदरबन विकास मंत्री मानतुराम पाखिरा ने कहा है कि मेले से लौटने के बाद भीड़ घाट पर मौजूद पोत पर चढ़ने कोशिश कर रही थी जिस दौरान 6 बुजुर्ग महिलाएं बीमार हो गईं और उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा है कि महिलाएं बहुत अदिक बुजुर्ग थी। उनकी आयु करीब 75 साल के आस-पास थी और वो बेहद कमजोर थी। ऐसे में उनकी मौत हार्ट अटैक की वजह से हो गई। हलांकि राज्य सरकार ने हादसे में मरने वालों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे में मरने वालों के प्रति शोक जताते हुए 2-2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। पीएम ने ट्विट कर इस बात की जानकारी दी कि हादसे में मरने वालों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
कौन जिम्मेदार?
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पर हर साल मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर मेले का आयोजन होता है। हजारों की तादात में लोग वहां पहुंचते हैं। इससेपह ले साल 2010 में भी गंगासागर मेले में भगदड़ की वजह से 12 लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन सरकार ने हादसों से सबक नहीं लिया और मेले में पर्याप्त इंतजार न होने की वजह से भगदड़ की स्थिति मची।