सुप्रीम कोर्ट ने उपहार सिनेमा अग्निकांड में शीर्ष अदालत के 2015 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये सीबीआई और पीड़ितों के संगठन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें देश से बाहर न जाने को कहा है। सर्वोच्य न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि यदि सुशील और गोपाल अंसल तीन महीने के भीतर 30-30 करोड रूपए का जुर्माना नहीं भर पाते हैं तो उन्हें दो-दो साल की जेल की सजा भुगतनी होगी।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की तीन सदस्यीय बेंच ने इन याचिकाओं का निबटारा होने तक अंसल बंधुओं के भारत से बाहर जाने पर रोक की अवधि को बढ़ा दिया है। कोर्ट इन पुनर्विचार याचिकाओं पर अगली सुनवाई अब 14 दिसंबर को खुले न्यायालय में करेगा।
बेंच ने अपने ऑर्डर में कहा, हम नोटिस जारी कर रहे हैं और इन पुनर्विचार याचिकाओं पर अगले बुधवार को सुनवाई करेंगे। इस बीच, हम निर्देश देते हैं कि आप (सुशील और गोपाल अंसल) पुनर्विचार याचिकाओं का निबटारा होने तक देश से बाहर नहीं जायें।
सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि इस मामले में मुद्दा बहुत सीमित है और दोनों पुनर्विचार याचिकाओं पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जा सकता है।