रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल को पहली बार उन सांसदों से सामना करना पड़ा जो नोटबंदी का विरोध कर रहे थे। संसद की स्थायी समिति की वित्त मंत्रालय से जुड़ी बैठक में पटेल पेश हुए और यहां सवालों में घिरते पटेल का पूर्व गवर्नर औऱ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जमकर बचाव किया।
जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरबीआई गवर्नर से यह पूछा कि क्या आपको लगता है अपने ही खातों से पैसे निकालने की सीमा हटा दी गई तो देश में अफ़रा-तफरी मच जाएगी। पटेल को कोई जवाब नहीं सूझा जबतक वो कुछ बोलते बैठक में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आरबीआइ गवर्नर को ऐसे सवालों का जवाब देने की ज़रूरत नहीं है।
संसदीय समिति की बैठक में आरबीआई ने बताया कि नोटबंदी के बाद अब तक 9.2 लाख करोड़ मूल्य के नए नोट बाज़ार में उतारे जा चुके हैं। इसके अलावा नकदी की सहूलियत बढ़ाने के लिए आरबीआई मासिक धन निकासी की सीमा एक लाख रुपये कर चुका है, जबकि औसतन लोग प्रति सप्ताह 12-13 हज़ार रुपये ही निकालते हैं। पटेल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि आरबीआई ने नोटबंदी पर राय-मशविरा बीते साल जनवरी में ही शुरू कर दिया था।
हालांकि संसदीय समिति की बैठक में ना वित्त मंत्रालय और न ही आरबीआई गवर्नर इस बात का जवाब दे पाए कि आखिर कब तक बैंकिंग व्यवस्था में कामकाज सामान्य हो जाएगा। इस बात का भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला कि नोटबंदी के बाद आखिर कितना पैसा बैंकों में जमा हुआ है?