दिल्ली में एक बार फिर से नए एलजी और आप सरकार के बीच टकराव शुरू हो गया है. दिल्ली के नए एलजी अनिल बैजल ने पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने वाली फाइल दिल्ली सरकार को लौटा दी है.
पिछले साल हरियाणा के पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने ओआरओपी की मांग को लेकर दिल्ली में आत्महत्या कर लिया था. रामकिशन की मौत के बाद दिल्ली सरकार ने परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया था. साथ ही रामकिशन को शहीद का दर्जा भी दिया गया था.
फाइल लौटाने की वजह रामकिशन ग्रेवाल का दिल्ली का नागरिक नहीं होना बताई गई है. कहा गया है कि ग्रेवाल हरियाणा के नागरिक थे. इस वजह से दिल्ली सरकार मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है.
पिछले साल नवंबर में पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ओआरओपी के तहत फायदा नहीं मिलने को लेकर रक्षा मंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे. जंतर-मंतर से निकल कर वह रक्षा मंत्रालय जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने जहर खा लिया. इलाज के दौरान आरएमएल हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई थी.
रामकिशन की मौत के बाद दिल्ली का राजनीतिक पारा काफी गरम हो गया था. राहुल गांधी से लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल तक दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल पहुंचे थे, पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को रामकिशन के परिवारवालों से मिलने से रोक दिया था.
यह पहला मौका नहीं है, जब दिल्ली के नए एलजी अनिल बैजल ने आप सरकार की फाइल लौटाई है. इससे पहले भी उन्होंने दिल्ली परिवहन निगम की किराया घटाने वाली फाइल वापस कर दी थी.
हालांकि, पिछले कुछ समय में दिल्ली सरकार के कई फैसलों को एलजी ने हरी झंडी दी थी. गेस्ट टीजर वेतन बढ़ोतरी, न्यूनतम मजदूरी बढ़ोतरी, मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूल खोलने जैसे कई फैसलों को उपराज्यपाल की तरफ से मंजूरी मिली थी.
पूर्व सैनिक ग्रेवाल को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे हाल ही में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने रिजेक्ट कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि अगर आपको सरकार के किसी भी फैसले पर आपत्ति है तो आप धरने पर बैठ जाइए और अगली बार वोट मत कीजिए.
याचिका में दिल्ली सरकार के द्वारा ग्वाल को शहीद घोषित किए जाने के फैसले का भी विरोध किया गया था. याचिकाकर्ता का कहना था कि आत्महत्या जैसे कदम उठाने वाले व्यक्ति का महिमामंडन नहीं करना चाहिए.