तीन तलाक की मारी मध्य प्रदेश के देवास जिले की एक मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट के जीफ जस्टिस को ख़ून से चिट्ठी लिखकर न्याय की मांग की है। दरअसल देवास जिले के दत्तोतर गांव की शबाना की शादी 2011 में टीपू नाम के एक शख्स के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज़ के अनुसार हुई थी, लेकिन शबाना का आरोप है कि उसने उसे तीन बार तलाक बोलकर पिछले महीने की 16 तारीख को दूसरी शादी कर ली।
शबाना की चार साल की एक बेटी भी है और उसने नर्सिंग की पढ़ाई की है, जबकि आरोपों के मुताबिक उसका पति उसे खेतों में मजदूरी करने के लिए बाध्य करता था। शबाना ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को ख़ून से लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि “मैं ऐसे पर्सनल लॉ को नहीं मानती, जिससे मेरा और मेरी बेटी का भविष्य बर्बाद हो।” देश के कानून पर भरोसा जताते हुए शबाना ने लिखा कि “ट्रिपल तलाक के कानून को रद्द किया जाए और मुझे न्याय दिलाया जाए।”
गौरतलब है कि मुस्लिम समाज में तीन तलाक की कुरीति की मारी बहुत सारी महिलाएं इसके ख़िलाफ़ देश की अलग-अलग अदालतों में गई हैं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यवस्था पर सरकार की राय पूछी थी। सरकार ने तीन तलाक को महिला-विरोधी बताते हुए कोर्ट से कहा कि इसका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं। इसके बाद सरकार ने एक प्रश्नावली जारी करके देश की जनता से समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के बारे में राय मंगाई थी।