अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ़ बड़ी-बड़ी बातें की थीं। खुद को ईमानदार और दूसरों को चोर कहा था। दिल्ली की जनता ने उनकी बातों पर भरोसा भी किया। एक बार नहीं, दो बार सिर आंखों पर बिठाया। दूसरी बार तो 70 में से 67 विधानसभा सीटें दे दीं। लेकिन डेढ़ साल हो गए, भ्रष्टाचार से जंग लड़ने की बजाय केजरीवाल नजीब जंग से जंग लड़ने में व्यस्त हैं। जंग से जंग लड़ने से जब उन्हें फुरसत मिलती है, तब प्रधानमंत्री मोदी को कोसना शुरू कर देते हैं। एक-एक करके उनके कई मंत्री और नेता चारित्रिक पतन और भ्रष्टाचार समेत तरह-तरह के आरोपों में जेल जा रहे हैं। और अब स्वयं ईमानदारी के देवता पर भी भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग रहे हैं। आरोप भी ऐसा वैसा नहीं… आठ हज़ार करोड़ से भी ज़्यादा के घोटाले का। क्या है पूरा मामला… जानिए जल्द ही मीडिया सरकार पर।