प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विपक्ष को आड़े हाथों लिया। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कहा, लोगों को करप्शन के खिलाफ व्यक्तिगत जीवन में कुछ सहन करना पड़ता था तो करते थे। लेकिन कहते थे- मैं पैसा नहीं दूंगा। फिर वक्त बदला। लोग कहने लगे कहां दुनिया को सुधारने जाएंगे, पैसा लो, मेरा काम करो। मूल्यों में गिरावट आने लगी। वक्त बदला, तब करप्शन मुद्दा ही नहीं रहा। मैं देख रहा हूं दुर्भाग्य कि आज ये हिम्मत हुई कि सार्वजनिक जीवन में लोग करप्शन, ब्लैक मनी के पक्ष में खुलेआम मैदान में उतर रहे हैं। किसी भी देश के लिए मूल्यों का पतन सबसे बड़ा संकट होता है।
जो आज 80 साल के होंगे, उनके जमाने में भी एक-दो चोरी करते थे। पर छुप-छुप के। ऐसा करने वाला एक मोरल प्रेशर में जीता था। धीरे-धीरे वक्त बदला। फिर चोर हाथ में लिखकर जाने लगे। वह एग्जाम में मजबूरन चोरी कर लेता था, लेकिन फिर भी चाहता था कि किसी को पता न चले। वक्त इतना बदलता गया और अब ऐसा करने वाले लोग टेबल पर छुरा रखते हैं और खुलेआम चोरी करते हैं। ये जो मूल्यों का पतन है ये इस देश का दुर्भाग्य है। इस मानसिकता के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा। लड़ना पड़ेगा।