उत्तर प्रदेश में नए नेताजी और उनके पिताजी के बीच चल रहा गृहयुद्ध हर पल पैंतरा बदल रहा है, और इस पैंतरे के साथ उनकी रणनीतियां भी बदली जा रही है। कभी लगता है कि पार्टी में सुलह हो गई बस अब घोषणा बाकी है तब तक कोई न कोई शर्त सामने आती है बात फिर अटक जाती है।
गुरुवार और शुक्रवार को पूरे दिन जारी रही सुलह की कवायद अभी किसी नतीजे तक पहुंचती नहीं दिख रही है। सुलह न होते देखकर शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव ने शाम को 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसी बड़े ऐलान का फैसला लिया था, लेकिन बाद में उसे रद्द कर दिया गया । कहा गया कि सीनियर लीडर आजम खान के मना करने पर मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करने का फैसला लिया। ऐसा माना जा रहा है कि मुलायम सिंह किसी फैसले को लेकर पसोपेश में है और कोई राय नहीं बना पा रहे हैं।
खबर है कि मुलायम सिंह यादव अपनी प्रेस वार्ता में अखिलेश गुट से अलग चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले थे। इस बीच पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने एक बार फिर सारा ठीकरा अमर सिंह पर फोड़ दिया। अग्रवाल ने कहा कि सुलह हो ही रही थी कि अमर सिंह दिल्ली से लखनऊ आ गए। अब किसी भी कीमत पर समझौता नहीं हो पाएगा।
वैसे आजम खान की ओर से पार्टी में सुलह की कोशिशें जारी हैं। इससे पहले शुक्रवार को सुबह लखनऊ स्थित मुलायम के अवास पर शुक्रवार को एक मीटिंग हुई। इसमें अमर सिंह के अलावा शिवपाल यादव भी पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में ताजा हालात पर चर्चा हुई। अमर सिंह ने यह एक बार फिर कहा कि अगर उनके इस्तीफे से परिवार में विवाद थम जाता है तो वे इसके लिए तैयार हैं।