विवेकानंद की जयंती के अवसर पर देश में पत्रकारिता से जुड़े ख्यातिलब्ध संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन में राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सामाजिक संस्था दिव्य ज्योति जागृति के कलाकारों के सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को जीवंत करने की भरपूर कोशिश की।
इटरनल ब्लिस के युवा संगीतकारों ने विवेकानंद जी को श्रद्धांजलि देते हुए एक ख़ास स्व-रचित कम्पोजीशन, “विवेकानंद तुझे ढूंढें ये जहाँ” की शानदार प्रस्तुति की।
समारोह में मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने विवेकानंद के जीवन के अहम पहलुओं को दर्शाते हुए युवाओं को इससे प्रेरणा लेने की बात कही।आईआईएमसी के डीजी के जी सुरेश ने अतिथियों का स्वागत किया और अपने विचारों से उपस्थित छात्रों को प्रेरित किया। आईआईएमसी के पूर्व छात्र वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संरक्षक अनुरंजन झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। समारोह में पीएफआई के संयोजक अमर आनंद और कार्यालय प्रभारी जौवाद हसन भी मौजूद थे
समारोह की आयोजक साध्वी प्रज्ञा भारती के मुताबिक ऐसे आयोजनों की भूमिका युवाओं से न सिर्फ सीधे जोड़ने में होती है बल्कि एक इस माध्यम देश भर में एक अच्छा संदेश जाता है। नई पीढ़ी में सही उत्साह के संचार के लिए यह अावश्यक है। प्रज्ञा भारती ने कहा कि युवा समाज की रीढ़ की हड्डी है, यदि युवा जागृत है तो समाज को उन्नति करने से कोई नहीं रोक सकता है| और भारत एक युवा देश है, अगर भारत का युवा जाग जाए और देश के लिए संगठित हो जाए तो भारत को फिर से जगतगुरु बनने से कोई नहीं रोक पायेगा|