डोनल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से दुनिया भर में चाहे जो प्रतिक्रिया रही हो लेकिन आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों की परेशानियां बढ़ गई है। मुंबई हमले के मास्टर माइंड जिस हाफिज सईद को पाकिस्तान ने तमाम सरकारी सुविधाएं मुहैया करा रखी थीं उसे ट्रंप के एक ईशारे के बाद नजरबंद कर दिया गया। भारत में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तभी से यह संभावना जताई जा रही थी कि पाकिस्तान के खिलाफ उनके कदम कड़े होंगे और हाफिज सईद पर पाबंदी लगेगी। लेकिन मोदी ने पहले पाकिस्तान को मौका दिया और मोदी की प्यार भरी थपकी पाकिस्तान को समझ में नहीं आई। अब जबकि ट्रंप ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की बागडोर संभाली है, और सत्ता में आने से पहले से ही ट्रंप आतंकवाद के खिलाफ सख्त नजर आते हैं, पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
हाफिज सईद को पहले पाकिस्तान ने लाहौर में नजरबंद किया और अब उसके देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। पाकिस्तान सरकार ने हाफिज का नाम एग्जट कंट्रोल लिस्ट में भी शामिल कर दिया है। हाफिज के साथ उसके ३७ आतंकवादी सहयोगियों के भी देश छोड़कर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने सभी प्रांतीय सरकारों और जांच एजेंसी को एक पत्र भेजा है। इसमें 38 लोगों के नाम हैं। इसी सूची में हाफिज का नाम भी जोड़ा गया है। ये सभी लोग जेयूडी और लश्कर से जुड़े हुए बताए गए हैं। इनमें से किसी को भी पाकिस्तान से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। पाकिस्तान में ECL में डाले गए लोगों के देश से बाहर जाने पर पाबंदी होती है। कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी अखबार द डॉन के पत्रकार सिरिल अलमिदा और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी इस लिस्ट में थे, लेकिन फिर इलाज करवाने के लिए कोर्ट ने मुशर्रफ को विदेश जाने की इजाजत दे दी थी।