नई दिल्ली। 10 अक्टूबर। उरी में सेना के कैम्प पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत सरकार पूरे फॉर्म में है। पहले सेना ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया, अब ख़बर है कि उसने हथियारों के आपूर्तिकर्ताओं से कहा है कि वे शॉर्ट नोटिस पर विभिन्न प्रकार के हथियारों की आपूर्ति करने के लिए तैयार रहें।
दरअसल पाकिस्तान लगातार एलओसी पर सीज़फायर का उल्लंघन कर रहा है। साथ ही, आतंकवादी हमलों में भी कमी नहीं आ रही है। उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक, सेना से लेकर आईएसआई अधिकारियों तक के भड़काऊ बयान आ रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार ने एहतियाती कदम के तौर पर हथियार आपूर्तिकर्ताओँ को तैयार रहने के लिए कहा है।
अखबार ‘इकनॉमिक टाइम्स’ ने अपनी एक रिपोर्ट में उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है कि सरकार ने हाल ही में इस बारे में अधिकारियों को ज़रूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि वे सशस्त्र बलों की तत्काल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उनकी आवश्यकताओं का आकलन करें।
रिपोर्ट में एक शीर्ष उच्चपदस्थ रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि “सरकार शॉर्ट नोटिस पर हथियार उद्योग की आपूर्ति करने की क्षमता, मौजूदा उत्पादन बढ़ाने और तत्काल ज़रूरत का वास्तविक आकलन करना चाहती है।”
रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय प्राथमिकता के आधार पर सुखोई और मिराज लड़ाकू विमानों के लिए कलपुर्जे, छोटे हथियार और गोला-बारूद प्राप्त करना चाहती है।
गौरतलब है कि सर्जिकल स्ट्राइक के अगले दिन 29 सितंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया था कि सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए रक्षा बजट में वृद्धि की जा सकती है।
इतना ही नहीं, भारतीय जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जन्म-शताब्दी पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि दीनदयाल उपाध्याय कहते थे कि सेना सामर्थ्यवान होगी, तभी राष्ट्र सामर्थ्यवान होगा।