नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद लगातार कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार लगातार ऑफर और घोषणाएं कर रही है। सरकार ने लोगों को डिजिटल तरीके से पेमेंट करने पर 0.75 फीसदी की छूट देने की बात कही तो वहीं नीति आयोग ने कैशलेस पेमेंट करने वालों को इनाम देने की घोषणा कर दी। वित्त मंत्रालय ने कहा कि अगर व्यापारी कैशलेस पेमेंट से लेन-देन करेंगे तो उन्हें टैक्स में छूट दी जाएगी। अब सरकार ने घोषमा की है कि अगर डेबिट कार्ड से भुगतान किया जाएगा तो ट्रांजैक्शन शुल्क में राहत दी जाएगी। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्क में राहत देने का फैसला किया है।
इसके लिए सरकारी बैंकों से कहा है कि वे इमीडिएट पेमेंट सिस्टम (आइएमपीएस) और यूपीआइ से 1000 रुपये से अधिक के ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्क को एनईएफटी के बराबर स्तर पर सीमित रखें। आपको बता दें कि आरबीआई के नियमों के मुताबिक एनईएफटी के जरिये अपने खाते से 10,000 रुपये तक की धनराशि ट्रांसफर करने पर 2.5 रुपये शुल्क लगता है। 10000 रुपये से एक लाख रुपये तक के ट्रांसफर पर शुल्क 5 रुपये हो जाता है। जबकि 1 से 2 लाख रुपये तक के ट्रांसफर पर 15 रुपये और 2 लाख रुपये से अधिक के ट्रांसफर पर 25 रुपये शुल्क लगता है।
इसमें राहत देते हुए अब वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि 1000 रुपये से अधिक के यूएसएसडी ट्रांजैक्शन पर इन शुल्कों में पचास पैसे की और रियायत दिए जाने की आवश्यकता है। यूएसएसडी का इस्तेमाल फीचर फोन से एसएमएस के जरिये बैंकिंग सेवाओं के लिए होता है। यूएसएसडी पर मौजूदा शुल्क की दर डेढ़ रुपया है। हालांकि 30 दिसंबर 2016 तक इसे शुल्क मुक्त रखा गया है।