नोटबंदी के बाद सरकार के फैसले की आलोचना करने वालों में अगुआ रहीं मायावती की पार्टी पर ईडी की चाबुक चल गई है। कालाधन वालों के खिलाफ जारी सरकार की मुहिम में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बहुजन समाज पार्टी और मायावती के भाई आनंद कुमार के खातों में करोड़ों रुपए जमा होने के बाद प्रदेश की राजनीति और गरमा गई है। प्रदेश बीजेपी और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस खुलासे के बाद मायावती पर जमकर हमला बोला है।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ से लगातार खबरें आ रही थीं कि मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के कई नेता काला-सफेद में जुटे हैं। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के करोलबाग ब्रांच में बसपा और मायावती के भाई आनंद कुमार के खाते की जानकारी मिली। जानकारी के बाद ईडी ने वहां जांच की और पाया कि नोटबंदी के बाद मायावती के भाई आनंदकुमार ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के खाते में 1.43 करोड़ रुपए जमा करवाए, जबकि मायावती की पार्टी के खाते में 104 करोड़ रुपए जमा किये गए हैं। बसपा के खाते में 101 करोड़ 1000 के नोट में जबकि 3 करोड़ की राशि 500 के पुराने नोट में जमा कराए गए हैं । अधिकारियों ने जानकारी दी है कि नोटबंदी के बाद हर रोज इन खातों में 15 से 17 करोड़ जमा कराए गए।
मायावती ने चंदे के तौर पर खुलेआम पैसे लेने की प्रथा राजनीति में शुरु की थी। उनकी पार्टी पर हमेशा चुनाव का टिकट बेचने का आरोप लगता रहा है लेकिन न तो ठोस सबूत और न ही पुख्ता कानून होने की वजह से कोई कार्रवाई अभी तक हो पाई है। नोटबंदी के बाद विरोध में विपक्ष ने संसद का शीत सत्र नहीं चलने दिया। मायावती राज्यसभा में लगातार सरकार के इस फैसले को देश की गरीब जनता के खिलाफ लिया गया फैसला बताती रहीं औऱ उऩकी पार्टी के नेता रोजाना करोड़ों रुपए खाते में जमा कराते रहे।
ईडी अब इसकी पूरी जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग को लिखेगा जिसके पास पार्टी के खातों की जांच के अधिकार हैं। एजेंसी ने बैंक से सीसीटीवी फुटेज और केवाईसी दस्तावेज भी मांगे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बारे में मायावती के भाई से पूछताछ की जाएगी। उनसे पैसों के स्रोत के बारे में पूछताछ होगी