संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी का मुद्दा सोमवार को भी गरमाया रहा जिससे सारे काम ठप रहे। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण कोई भी काम नहीं हो पाया और दोनों सदनों की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सोमवार को बीजेडी के भ्रतृहरि महताब और टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी ने नियम 193 के तहत नोटिस दिया था। इस नियम के अनुसार कोई भी संसद सदस्य जनता से जुड़े मामले पर तत्काल बहस करवाने के लिए लिखित नोटिस दे सकता है।
लोकसभा में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। गृहमंत्री ने विपक्ष से चर्चा शुरू करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार नोटबंदी के क्रियान्वयन पर विपक्ष द्वारा दिये सभी सुझावों पर काम करेगी लेकिन विपक्ष वोटिंग के साथ बहस के मांग पर अड़ा हुआ है।
वहीं राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग भांडगीरी पर उतर आए हैं। सपा नेता के इस बयान पर बीजेपी सांसदों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए नरेश अग्रवाल से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब ये सत्ता पक्ष में थे तो हर बॉल पर हिट विकेट होते थे और आज जब विपक्ष में बैठे हैं तो नो बॉल करने की आदत हो गई है।
आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हुआ था जिसमें आज तक सिर्फ राज्य सभा में पहले दिन ही बहस हो पाई है। जिसके बाद से प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग को लेकर विपक्ष के लगातार हंगामे से सभी काम ठप हैं। लोकसभा में सरकार के द्वारा आयकर कानून संशोधन पास करने के अलावा कोई भी काम नहीं हो सका है।