फिरौती मांगने वाले वायरस का अगला शिकार आप हो सकते हैं। जी हां भले ही केंद्र सरकार उसके मंत्री लाख दावे करें कि रैंसमवेयर से भारत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। देश के ज्यादातर साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक भारत इस साइबर अटैक से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दुनिया भर में इस वायरस के 150 देशों में कंप्यूटर सिस्टम्स पर यह अटैक हुआ है। इस खतरनाक फिरौती वाले वायरस रैंसमवेयर वानाक्राई के चलते इंडिया में 40,000 से ज्यादा कंप्यूटर इंफेक्शन के शिकार हुए हैं और भारत विश्व में तीसरा सबसे सबसे ज्यादा प्रभावित देश रहा। अगर आपने अपने सिस्टम में कोई भी अवैध सॉफ्टवेयर लोड किया हुआ है तो समझिए कि आप ज्यादा संकट में हैँ।
हालांकि न तो किसी बड़ी कंपनी और न ही किसी बैंक ने अपने कामकाज में कोई बाधा पड़ने की जानकारी दी है। इससे इस अटैक के बारे में इन कंपनियों के सही जानकारी देने पर शक पैदा हो रहा है। साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने कहा कि दुनियाभर में इस वायरस की चपेट में 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटरों के आने के बाद कॉरपोरेट वर्ल्ड का कामकाज पटरी पर लौट आया और एक और अटैक का डर सच साबित नहीं हुआ। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वानाक्राई रैंसमवेयर के कारण ब्रिटेन में हेल्थकेयर सिस्टम और फ्रांस की कार कंपनी रेनॉ का कामकाज प्रभावित हुआ। वहीं लग रहा है कि इंडिया में कंपनियों के कामकाज पर इसका कम असर हुआ। हालांकि किसी बड़ी घटना के सामने न आने का मतलब यह नहीं है कि भविष्य में किसी हमले के लिहाज से सभी कंप्यूटर्स सुरक्षित हैं।
पूर्व से नहीं रखा है सुरक्षा का खयाल तो पछताएंगे
साइबर सिक्यॉरिटी फर्म क्विक हील टेक्नोलॉजीज की ओर से किए गए शोध में पाया गया है कि रैंसमवेयर वानाक्राई ने करीब 48000 कंप्यूटरों को निशाना बनाया और ज्यादातर घटनाएं वेस्ट बंगाल में हुईं। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि या तो अवैध साफ्टवेयर सिस्टम में लोड थे या फिर एंडी वायरस लोड नहीं था। पिछले साल भारत में इंडियन कंपनियों और बैंकों पर कम से कम तीन रैंसवमेयर अटैक्स हुए थे। पहला हमला पिछले साल लुसिफर अटैक के रूप में हुआ, जिसमें बैंकों और दवा कंपनियों के कंप्यूटर लॉक हो गए थे। मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि कम से कम तीन कंपनियों और बैंकों ने अपने सिस्टम्स अनलॉक करने के लिए बिटकॉइन में पेमेंट किया था। इस साल जनवरी में लजारस नामक रैंसमवेयर ने इंडियन कंपनियों पर हमला किया था।
साइबर अटैक की जानकारी ठीक से नहीं देने के लिए आरबीआई भी बैंकों को फटकार चुका है। आरबीआई के डेप्युटी गवर्नर एस. एस. मूंदड़ा ने कहा था, ‘हमने कई मामलों में देखा है कि साइबर हमलों पर बैंक चलताऊ ढंग से प्रतिक्रिया देते हैं, जिससे भविष्य में जांच के बेपटरी होने का खतरा रहता है।’