कभी जेएनयू अपनी बेहतरीन पढ़ाई के लिए आकर्षण का केंद्र थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों से विवादों का केंद्र बनी हुई है। कभी देशद्रोही नारे, कभी महिषासुर जयंती, कभी यौन शोषण, कभी कॉन्डोम… और अब एक छात्र नज़ीब अहमद के कथित रूप से गायब होने की घटना। कहीं राजनीति ने दूसरा रोहित वेमुला तो नहीं ढूंढ़ लिया है। पहले दलित छात्र और अब एक मुस्लिम छात्र? बहरहाल, करीब चौबीस घंटे तक छात्रों ने वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार समेत 10 लोगों को बंधक बनाए रखा। हैरानी होती है कि जब सुनने को मिलता है कि एक यूनिवर्सिटी के अंदर यह सब कुछ हो रहा है।
मीडिया सरकार के सीईओ अनुरंजन झा और सलाहकार संपादक अभिरंजन कुमार ने आज इन्हीं मुद्दों पर चर्चा की- कहीं राष्ट्रीय गुंडागर्दी यूनिवर्सिटी तो नहीं बनती जा रही है जेएनयू? आप भी देखिए।