जयललिता के निधन के बाद ऐसा लग रहा था कि तमिलाना़डु की राजनीति में कोई तूफान नहीं आएगा। आहिस्ता आहिस्ता सत्ता का हस्तांतरण हो रहा था। जयललिता के सबसे भरोसेमंद पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बरकरार थे, शशिकला पार्टी मुखिया बन गई थीं । अचानक पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा दे दिया ।शशिकला के रास्ते खुल गए लेकिन शशिकला की कुर्सी पर बैठने से पहले राजनीति ने करवट ली। पन्नीरसेल्वम की आत्मा जाग गई, सपने में अम्मा आ गईं और उन्होंने शशिकला पर कई आरोप मढ़ दिए।
ताजा हालात यह है कि पचास विधायकों का दावा करने वाले और सदन में बहुमत साबित करने की बात करने वाले पन्नीरसेल्वम के पक्ष में चंद विधायक ही नजर आ रहे हैं। एआईएडीएमके की जनरल सेक्रटरी वीके शशिकला कार्यकारी सीएम पन्नीरसेल्वम पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं। बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई एक अहम मीटिंग में शामिल होने के लिए 130 विधायक पहुंचे। सभी ने शशिकला के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया।
अब सबकी नजर शशिकला पर है। वह गवर्नर के चेन्नई पहुंचने के बाद उनसे मुलाकात कर सत्ता पर अपना दावा ठोक सकती हैं। उधर, पन्नीरसेल्वम ने जया की मौत का मामला उठा दिया है। पन्नीरसेल्वम के मुताबिक, इस मामले में उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मैं अभी भी इंटरिम जनरल सेक्रेटरी हूं। मैं जल्द ही गवर्नर से मुलाकात करूंगा और इस्तीफा वापस लूंगा। मैं सदन में अपना बहुमत भी साबित करने के लिए तैयार हूं। मैं अपनी बात रखने के लिए लोगों के बीच जाऊंगा।