पीओके में घुसकर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के आफ्टर इफैक्ट्स से पाकिस्तान हिला हुआ है। अब ख़बर आ रही है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के डीजी रिज़वान अख्तर की कुर्सी जाने वाली है। वो भी उनके रिटायरमेंट से 13 महीना पहले। पाकिस्तानी अखबार द नेशन के मुताबिक उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, हालांकि पाक सेना ने अभी इस तरह के किसी बदलाव की बात को ख़ारिज किया है।
रिज़वान अख्तर को 2014 में आईएसआई की कमान सौंपी गई थी। लेकिन भारत की आक्रामक कूटनीति के बाद आईएसआई पूरी दुनिया में बेनकाब हो चुका है और उसपर आतंकवादियों को संरक्षण देने के आरोपों को बल मिलने लगा है। आतंकवाद से निपटने के अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बीच अब छवि सुधारने की कवायद के तहत आईएसआई चीफ की बलि दी जा सकती है।
गौरतलब है कि भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की आतंकपरस्त नीतियों का चौतरफा विरोध हो रहा है। न सिर्फ़ अमेरिका समेत दुनिया के प्रमुख देशों ने उसे अपनी ज़मीन पर आतंकवाद को न पोसने के लिए आगाह किया है, वहीं पाकिस्तान के अंदर भी बड़ी संख्या में लोग सरकार, सेना और आतंकवादियों के ख़िलाफ़ सामने आ रहे हैं। यहां तक कि दो ही दिन पहले पीओके में भी कम से कम सात जगहों पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और अपने इलाकों से आतंकवादियों के कैंप हटाने की मांग की।
हालांकि पाकिस्तान ने भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को औपचारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है, लेकिन पूरे पाकिस्तान में इस मुद्दे पर जैसा भूचाल मचा हुआ है, उससे जाहिर है कि वह भारी दबाव में है। यहां तक कि पाकिस्तान को यह डर भी सता रहा है कि भारत पीओके में और भी ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है, जैसे उसने 28-29 सितंबर की रात को किया था।