नोटबंदी का प्रोसेस खत्म हुए एक महीना से अधिक हो चुका है और उस दौरान की गड़बड़ियां भी एक एक कर सामने आ रही हैं। नोटबंदी के दौरान जब लोग २-२ हजार के लिए घंटों कतार में खड़े रहते थे वहीं करोड़ों रुपए अलग अलग जगहों से बरामद भी होते रहे। जाहिर है इतनी बड़े पैमाने पर घोटाले और गड़बड़ियां बिना बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से संभव नहीं था।
नोटबंदी के दौरान भी एक्सिस बैंक के कई ब्रांचों में बड़े पैमाने पर घाटाले की बात सामने आई और कई अधिकारी गिरफ्तार भी हुए।
साथ ही अब जांच में नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद करने में कई सरकारी बैंक अधिकारियों की भूमिका भी सामने आईं। पहली जांच के बाद 156 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में इस बारे में जानकारी दी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘नोटबंदी के बाद कुछ बैंक अधिकारियों को गड़बड़ियों में शामिल पाया गया। पहली नजर में नियमितताओं को देखते हुए सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने अभी तक 156 अधिकारियों को निलंबित व 41 अन्य अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।’
अरुण जेटली ने साथ ही यह भी कहा कि जहां भी आपराधिक मामले पाए गए बैंकों ने पुलिस और सीबीआई के साथ मिलकर मामले दर्ज किए। अभी तक कुल 26 मामले दर्ज किए गए हैं।जहां तक निजी क्षेत्र के बैंकों की बात है इस पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बताया है कि नोटबंदी के दौरान गैरकानूनी तरीके से बैंक नोट बदलने में संलिप्त पाए जाने के आरोप में 11 अधिकारियों को निलंबित किया गया है। रिजर्व बैंक ने आगे बताया है कि बैंकों ने अपनी जांच शुरू कर दी है और पुलिस व सीबीआई के साथ मिलकर शिकायत दर्ज की गई है।