नई दिल्ली. फ्लिपकार्ट ने जानकारी दी है कि पिछले सोमवार को उसने रिकॉर्ड 1400 करोड़ की बिक्री की। जबकि पिछले साल उसने 600 करोड़ की बिक्री की थी। जबकि ई कॉमर्स के जानकार बताते हैं कि इस बार फ्लिपकार्ट क्या किसी भी आॅनलाइन शॉपिंग कंपनी ने फेस्टिवल सीजन के हिसाब से ऐसा कोई चमत्कारिक आॅफर नहीं दिया है, जिससे ग्राहक चकित रह जाएं, जैसा कि पिछले सालों तक देखा गया था। इसके उलट आॅनलाइन आॅर्डर के बदले गलत डिलिवरी की कई शिकायतें ज्यादा सामने आ रही हैं। फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि ये आॅनलाइन शॉपिंग वाली कंपनियां मलाई खा रही हैं। आइए हम आपको बताते हैं विस्तार से:
मोबाइल के बढ़ते चलन के कारण
एक आंकड़े के मुताबिक इस साल जून तक देश के कुल मोबाइल यूजर्स की संख्या 103 करोड़ से ज्यादा हो गई थी। इनमें से सिर्फ ब्रॉडबैंड यूजर की संख्या 16 करोड़ से ज्यादा हो गई थी। इसके अलावा तमाम ऐसे यूजर्स हैं जो मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह देश की 90 प्रतिशत आबादी जहां मोबाइल रखती हो वहां ई कॉमर्स का बाजार रिकॉर्ड उंचाई तक जाना कोई चौंकाने वाली बात नहीं।
आॅनलाइन शॉपिंग की आदत में साल दर साल इजाफा
2012 में जहां सिर्फ 1.3 करोड़ यूजर्स ही आॅनलाइन शॉपिंग के लिए ई कॉमर्स की साइट पर आया करते थे, वहीं 2016 में ये आंकडा 4 करोड़ को अभी ही पार कर चुका है। जबकि फ्लिपकार्ट के आंकड़ों को देखें तो उसके मुताबिक 22 प्रतिशत उसको इस सोमवार को ही नए ग्राहक मिले हैं। यानी कमाई करने वाली कंपनियों ने मोबाइल यूजर्स को शॉपिंग का जो चस्का पिछले सालों में लगा दिया वो लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
हर तरह के उत्पाद आॅनलाइन शॉपिंग पर उपलब्ध होना
ई कॉमर्स कंपनियों ने पिछले सालों में ये रिसर्च किया कि आखिर उनका यूजर किस चीज की तलाश में उनके प्लेटफार्म पर आया और उसे नहीं मिला तो वापस चला गया। ये रिकॉर्ड उसने सर्च रिजल्ट के आधार पर जुटाया। इसके बाद इन्होंने इन्हीं उत्पाद को अपने प्लेटफार्म पर जोड़कर उन ग्राहकों को भी अपने से जोड़ा। आज की तारीख में आपको पूजा के सामान से लेकर घर की सजावट, रोजमर्रा के काम में आने वाले सामान तक सभी आॅनलाइन की उपलब्ध हैं।
जीरो ईएमआई के फेर में
तकनीकी रूप से देखें तो ई कॉमर्स कंपनियों के मुनाफे की बड़ी वजह शॉपिंग में इजाफा ही है। इसके लिए इन आॅनलाइन शॉपिंग वाली कंपनियों ने तमाम बैंकों से भी अनुबंध किया। क्रेडिट कार्ड के जमाने में भला शॉपिंग के चलन को और भुनाने के लिए ई शॉपिंग का चस्का कौन नहीं भुनाएगा। आज लगभग सभी बड़े उत्पाद की शॉपिंग करने जाइए तो आपको क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ईएमआई की सुविधा मिल जाएगी। ये भी इनके मुनाफे की बड़ी वजह है।
मोबाइल खरीदारी अब सिर्फ ई कॉमर्स साइट पर
एक आकलन के मुताबिक आॅनलाइन शॉपिंग पर सबसे ज्यादा मोबाइल की खरीदारी होती है। इसी को देखते हुए अब तमाम मोबाइल कंपनियों ने अब शोरूम पर खर्चा करने के बजाए सीधे कस्टमर के घर तक मोबाइल फोन पहुंचाने की तैयारी कर ली। इसके लिए इन्हीं आॅनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया अब मोबाइल का चस्का लगे भारत में हर छह महीने में मोबाइल बदलने का भी ट्रेंड शुरू हो गया है। यही कारण है कि ये ई शॉपिंग कंपनियां खूब मलाई काट रही हैं।