भूतो न भविष्यति वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। पार्टी के करिश्माई सदर अमित शाह।चक्रवर्ती सम्राट जैसे प्रधान सेवक और पार्टी प्रमुख।देश दुनिया में अश्वमेध जैसा चल रहा है।अक्षोहिणी सेनाएं चहुँ ओर जय जय गान कर रहीं हैं।
…और ऐसे समय में अपने ही सूबे के शहर सूरत में अश्वमेध का रथ विरोध के दलदल में फंस गया। पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री को सूरत छुपा कर पलायन वेग से प्रस्थान करना पड़ा।यह क़यामत कल बरपा हुयी है।
शायद पहली ही बार किसी पार्टी प्रमुख के मंच पर सुरक्षा के लिए ऐसी जालीदार बाड़ लगी थी।अपनों के बीच इतना खतरा…फिर भी इस जालीदार मंच के इस पार उबलते लोगों ने बवाल काट दिया। “जनरल डायर गो बैक” के पोस्टर और जबर नारों से शाहजी का जमकर विरोध किया ।कुर्सियां उछाली गयीं ।लाठी चली।आंसू गैस के गोले निकल आये।
इस बवाल में खुद शाह जी सिर्फ चार मिनट और मुख्यमंत्री सिर्फ दो मिनट बोल पाये। जैसे तैसे दोनों को सभा स्थल से निकाला गया।
बात इतनी सी नहीं है जितनी दिख रही है।आप जिस गुजरात मॉडल का डंका दुनिया भर में पीटते रहे हैं,जिस गुजरात में ढाई दशक से निष्कंटक राज कर रहे हैं वहां लोग आपको जनरल डायर बता रहे हैं..आपको सभा से भागना पढ़ रहा है तो सोचिये खामी कहाँ है..?
सोचिये कि सिर्फ सवा दो साल में आपकी “सीरत” में ऐसा क्या फर्क आया कि आपके आपने सूबे में लोग आपकी सूरत तक देखना नहीं चाहते…?
सोचिये सोचिये..
कहीं गुजरात हमेशा की तरह परिवर्तन का अगुआ तो बनने नहीं जा रहा…???
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक के फेसबुक वॉल से साभार