सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच वह तीन महीने के अंदर पूरी करे। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि मामले में आरोप पत्र दायर नहीं होने के आधार पर किसी भी आरोपी को जमानत नहीं दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सिवान के सत्र न्यायाधीश से भी इस बात की रिपोर्ट मांगी है कि जिस दिन हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के साथ नजर आए थे, तब तक क्या उन्हें फरार करार दिया जा चुका था।
पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि सीबीआई ने राजनीतिक प्रभाव और शहाबुद्दीन के डर से अब तक मामले की जांच शुरू नहीं की है। आशा रंजन ने इस मामले की सुनवाई बिहार से बाहर कराए जाने की भी मांग की है।
आशा रंजन ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव पर हत्यारों को संरक्षण देने और पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन पर अपने पति की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है।