अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर रविवार शाम हमारे बीएसएफ जवानों पर पाकिस्तानियों ने पत्थर फेंके। जानकारी के मुताबिक, जवानों को किसी तरह की चोट नहीं आई है। बीएसएफ के अफसरों ने इस बारे में गहरी नाराजगी जताते हुए पाकिस्तानी रेंजर्स से फ्लैग मीटिंग की। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं मिला। बताया जा रहा है कि ये मीटिंग कल फिर होगी।
वाघा सीमा पर सीमा पार से पत्थरबाजी की यह पहली घटना मानी जा रही है। ऐसी हरकतों से पाक के मंसूबे जाहिर हो रहे हैं । साथ ही एक बात और साफ हो रही है कि कश्मीर में बच्चों और भटके हुए नौजवानों के हाथ में जो पत्थर थमाए जा रहे हैं उसके पीछे किन लोगों का हाथ है। 2 साल पहले बाघा बार्डर पर पाकिस्तान की तरफ ब्लास्ट में 60 लोगमारे गए थे। 3 नवम्बर 2014 को ब्लास्ट होने के बाद बीएसएफ ने अलर्ट जारी किया था। रिट्रीट सेरेमनी भी 3 दिनों के लिए बंद कर दी गई थी। लाहौर से दिल्ली बस की सीमा पर तलाशी शुरू कर दी गई थी। यह ब्लास्ट वाघा बार्डर से 500 मीटर दूर हुआ था। इसमें 200 लोग भी घायल हुए थे। इसमें 5 आतंकियों को भी पाक सैनिकों ने गिरफ्तार किया था।
उरी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है और इसकी झलक सीमा पर साफ तौर पर देखी जा रही है। हमारे बीस सैनिकों के शहीद होने के दस दिन बाद भारतीय फौज ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर इलाके में सात आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया था। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 29 सितंबर को बीएसएफ ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी पहले कैंसल कर दी थी। लेकिन बाद में बिना पब्लिक के कराई। ये चेक पोस्ट अमृतसर से 30 km दूर है। इस रिट्रीट में बीएसएफ के जवान और पाकिस्तानी रेंजर्स हिस्सा लेते हैं। 30 मिनट की इस सेरेमनी देखने के लिए रोज शाम को वाघा बॉर्डर पर दोनों देशों के हजारों लोग पहुंचते हैं। वाघा बॉर्डर अमृतसर और लाहौर के बीच स्थित एक चेक पोस्ट है। ये इकलौता इलाका है, जहां भारत-पाक के बीच बॉर्डर पर रोड बनी है।