जयललिता के निधन के बाद से ही तमिलनाडु की राजनीति में उठापटक जारी है। जयललिता के सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले पन्नीरसेल्वम को पहले पार्टी ने विधायक दल का नेता चुना और मुख्यमंत्री की कुर्सी दी। बाद में जयललिता की करीबी और पार्टी में चिनम्मा का दर्जा पाने वाली शशिकला तमाम विरोधों के बाद भी पार्टी की महासचिव चुनी गईँ। अब पन्नीरसेल्वम के इस्तीफे के बाद पार्टी ने शशिकला को मुख्यमंत्री चुन लिया है। शशिकला के मंगलवार को शपथ लेने के भी आसार हैं। लेकिन शशिकला मंगलवार सुबह तमिलनाडु की अगली सीएम के रूप में शपथ लेंगी या नहीं, इस पर सस्पेंस बना हुआ है।
शशिकला के शपथ पर सस्पेंस की दो वजहें हैं। पहली- पन्नीरसेल्वम का सीएम पद से इस्तीफा गवर्नर ने तो मंजूर कर लिया, लेकिन शशिकला की पार्टी AIADMK ने शपथ ग्रहण समारोह पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया। दूसरी ओर चेन्नई के रहने वाले सेन्थिल कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें मांग की गई है कि मंगलवार को यदि शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है तो उस पर रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दलील दी गई है कि एक सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट उनके और राज्य की दिवंगत सीएम जयललिता के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने संकेत दिए थे कि वह 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता और शशिकला को बरी किए जाने के संबंध में फैसला सुना सकता है। इसके कुछ ही घंटों बाद सेन्थिल ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की। इस याचिका पर मंगलवार सुबह सुनवाई हो सकती है।
कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि मामले में वह अपनी ओर से खुद दलीलें देंगे। उन्होंने कल होने वाले शशिकला के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दोषी ठहराया गया और उसके बाद उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया तो पूरे तमिलनाडु में दंगे भड़कने की आशंका है।