नई दिल्ली। भारत में मेड की चाइना सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है। लोग चीन द्वारा निर्मित चीजें खरीदने से बच रहे हैं, तो वहीं व्यापारी भी उसे बेचने से इकार कर रहे है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के लोग चीन के उन फैसलों से आहत है, जिसमें उसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का संयुक्त राष्ट्र में विरोध किया।
इतना ही नहीं लोग नाराज हैं, क्योंकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के एनएसजी देशों में शामिल होने पर भी अडंगा लगाया। सब से ज्यादा लोग इस बात से आहत हैं, क्योंकि उरी हमले के बाद भारत का साथ देने के बजाए चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया।
चीन के इन कदमों से बाजारों में चीनी सामानों का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। लोगों ने मेड इन चाइना का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, लेकिन बीजिंग मीडिया की मानें तो इसका चीन की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।
चाइनीज प्रोडक्ट के विरोध के बावजूद त्यौहारी मौसम में भारत में चीनी माल की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत में चीनी सामानों के विरोध का कोई असर चीन पर नहीं पड़ा है। अखबार के मुताबिक भारत में चाइनीज सामानों के बहिष्कार का यह अभियान सफल नहीं हुआ है।
देश के तीन प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों में अ्कटूबर में चीनी हैंडसेट की रिकॉर्ड बिक्री की है। चीन की हैंडसेट कंपनी शियोमी ने फ्लिपकार्ट, आमेजन इंडिया, स्नैपडील और टाटा क्लिक जैसे मंचों पर मात्र 3 दिन में 5 लाख फोनों की बिक्री की है। चीनी मीडिया के मुताबिक चीन और भारत के बीच साल 2015 में 70 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले 6 गुना अधिक था।