गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत और रूस के बीच 18 समझौते हो सकते हैं। रक्षा सौदों के लिए भारत का पुराना घनिष्ठ पार्टनर रूस हमें कई एडवांस तकनीक की रक्षा सामग्री बेचने पर सहमति जता सकता है। इसमें सबसे खास होगा एस-400 ट्रंफ जो मिसाइल रोधी प्रणाली है, इससे भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव ने स्थानीय समाचार एजेंसी को जानकारी दी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिखर वार्ता के बाद कई अहम रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
भारत को रूस से चाहिए तीन प्रकार की मिसाइलें
भारत को तीन प्रकार की मिसाइलों की जरूरत है। एक अपनी तरफ आ रहे दुश्मन के विमानों को निशाना बनाने वाला, दूसरा मिसाइलों को सीधे निशाना बनाने वाला और तीसरा ड्रोनों को 400 किलोमीटर तक के दायरे में मार गिराने की क्षमता रखने वाला।
रूस के साथ भारत ये भी अन्य रक्षा समझौते कर सकता है:
- प्रोजेक्ट 11356 के तहत युद्धपोत बनाने के संबंध में दोनों देशों के बीच समझौता होने की संभावना है।
- कामोव का-226 टी हेलीकॉप्टर के उत्पादन के संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की भी योजना है।
- ई 30-एमकेआई को उन्नत बनाने पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है।
- परमाणु सहयोग के मुद्दे पर दोनों पक्ष एक जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने की भी संभावना है।
- कुडनकुलम परियोजना के तहत इकाई-5 और इकाई-6 के लिए एक ऋण करार तैयार करने का काम कर रहे हैं।