चेन्नई। 8 अक्टूबर। तमिलनाडु में जयललिता की जगह किसी को अंतरिम मुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा ज़ोरों पर है। दरअसल मुख्यमंत्री जयललिता 22 सितंबर से ही ख़राब स्वास्थ्य के चलते अस्पताल में भर्ती हैं और उनके जल्द स्वस्थ होने की संभावना कम ही बताई जा रही है। इस वजह से जनहित से जुड़े विकास के कामों में रुकावट न आए, इसके लिए सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के अंदरूनी हलकों में अंतरिम मुख्यमंत्री बनाए जाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। मीडिया सरकार को सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक ओ पनीरसेलवम और पलानीस्वामी का नाम सबसे आगे चल रहा है।
इस बीच, तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शुक्रवार को मुख्य सचिव और दो मंत्रियों से मुलाकात कर यह जानने की कोशिश की कि मुख्यमंत्री जयललिता की अनुपस्थिति में राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था कैसे चल रही है। पहले राज्य के मुख्य सचिव पी राम मोहन राव ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें राज्य के दैनिक कामकाज की जानकारी दी। इसके बाद शाम में राम मोहन राव के साथ वित्त मंत्री ओ पन्नीरसेलवम और लोक निर्माण मंत्री इदापदी पलानीसामी भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे। यह बैठक 20 मिनट तक चली। बताया जा रहा है कि अंतरिम मुख्यमंत्री बनाए जाने की सूरत में पन्नीरसेलवम और पलानीस्वामी- इन्हीं दोनों में से किसी एक को चुना जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल पहुंचकर जयललिता का हाल जाना, जहां वे 22 सितंबर से ही भर्ती हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो यह भी वायरल हो गया था कि उनकी मौत हो चुकी है और पार्टी ख़ास वजहों से इसे छिपा रही है, लेकिन पार्टी ने कहा है कि उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
हालांकि विपक्ष सत्तारूढ़ पार्टी के रुख से सहमत नहीं है। उसे लगता है कि राज्य के कामकाज की अनदेखी की जा रही है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर तमिलनाडु में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। स्वामी ने यह मांग जयललिता की खराब सेहत के मद्देनजर राजकाज ठप्प हो जाने की वजह से की है। स्वामी ने पत्र में लिखा है कि अपोलो के डॉक्टरों के मुताबिक मुख्यमंत्री को अभी कुछ और दिन अस्पताल में रहना होगा। ऐसे में सरकार को छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए, ताकि जयललिता पूरा इलाज करा सकें। स्वामी के मुताबिक राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। स्वामी ने तो यहां तक मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनाथ सिंह को स्थिति का जायजा लेने के लिए तमिलनाडु भेजना चाहिए।
गौरतलब है कि जयललिता की सेहत को लेकर तरह-तरह की अटकलों के बीच मद्रास हाई कोर्ट ने भी सरकार से उनकी सेहत के बारे में रिपोर्ट जारी करने को कहा था।