नई दिल्ली। यूपी के चुनावी दंगल में भाजपा ने भी अपना घोषणापत्र जनता के सामने पेश कर दिया है। इसमें अबतक मिल रही प्रतिक्रिया में ज्यादातर ने यही कहा है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह यूपी के लिए कुछ खास नहीं सोच पाये। उनके पास अखिलेश के जवाब में कुछ भी ऐसा नहीं दिखा जिससे ये लगे कि बीजेपी कुछ करिश्मा कर पाएगी।
सोशल मीडिया एवं अन्य मीडिया वेबसाइटों पर जारी एनालिसिस में यही चर्चा है कि क्या बीजेपी एक बार फिर से किसानों की कर्ज माफी और राम मंदिर जैसे पुराने राग के सहारे चुनावी नैया पार कर पाएगी? क्या पार्टी के पास अखिलेश की चुनावी रणनीति का कोई जवाब नहीं है। बीजेपी के घोषणा पत्र में क्षेत्रीय समीकरणों को तरजीह दिये जाने के साथ—साथ राम मंदिर निर्माण और तीन तलाक का मुद्दा जोड़ा गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने यूपी के मन की बात कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में नया प्रयोग करते हुए करीब 10 करोड़ लोगों से सम्पर्क करके इस घोषणा पत्र को तैयार किया है। शाह ने नौ भागों में बंटे इस घोषणापत्र के प्रमुख बिंदुओं के तहत तमाम विकासात्मक योजनाओं जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनीं तो लघु एवं सीमान्त किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। शाह ने कहा, जहां तक राम मंदिर का मामला है तो प्रदेश में भाजपा की नयी सरकार भी संवैधानिक तरीकों से जल्द से जल्द राम मंदिर बनवाने के लिये प्रयत्नशील रहेगी।