नई दिल्ली। पहले उरी हमला, फिर उस हमले पर भारत की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया से अलग-थलग हो रहा पाकिस्तान अब बैकफुट पर नजर आने लगा है। पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार को समझ आ गया है कि अगर उसने जल्द कदम नहीं उठाया तो उसके लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी। आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया भर में घिरती पाक सरकार ने घबरा कर सीधे-सीधे सेना और खुफिया एजेंसियों से कह दिया है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बीच में न आए।
पाक अखबार का दावा
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक नवाज शरीफ ने ऑल पार्टी कांफ्रेंस में गहन चिंतन के बाद आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया। सरकार ने मिलिटरी लीडरशिप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने ऊपर बढ़ रहे दबाव से अागाह कर दिया है। सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान पर अलग-थलग पड़ने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है।
ISI को कड़ा संदेश
बैठक में सरकार ने दो अहम मुद्दों पर आम सहमति बनाई, जिसमें सबसे अहम था सेना और खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों के खिलाफ सरकार की किसी भी कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं करेगी। जबकि दूसरा पठानकोट और मुंबई हमलों की चल रही जांच को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
पठानकोट हमले की जांच तेज
अखबार के मुताबिक, नवाज शरीफ ने आईएसआई चीफ जनरल रिजवान अख्तर और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर जंजुआ को देश के चार महत्वपूर्ण इलाकों में दौरा करने को कहा है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ये भी निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द पठानकोट हमले की जांच को खत्म कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाए।
Pok में प्रदर्शन
एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ता जा रहा है, वहीं पीओके के लोग भी पाक के नापाक आतंकी शिविरों के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आए। मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, गिलगिट और नीलम घाटी के लोगों ने आतंकी शिविरों के खिलाफ प्रदर्शन किया। घर और बाहर हो रहे इन विरोधों के बाद नवाज शरीफ की अक्ल ठिकाने आ गई है।